New Covid-19 Variant: कोविद के ईजी.5 या 'एरिस' वैरिएंट का बढ़ा ख़तरा! जाने इसके लक्षण,सावधानियां और बहुत कुछ
- By Sheena --
- Thursday, 24 Aug, 2023
Covid-19 New Variant EG.5 Or Eris Know About The Symptoms Precautions And More
New Covid-19 Variant: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आम जनता के स्वास्थ्य के लिए अब तक कम जोखिम उत्पन्न होने के बावजूद, कोविड-19 के एक नए तनाव को एक उल्लेखनीय भिन्नता के रूप में पहचाना है। ईजी.5 वैरिएंट, जो विश्व स्तर पर अधिक प्रचलित है, ओमीक्रॉन सबवेरिएंट XBB.1.9.2 से जुड़ा है, डॉ. विद्या एस नायर, सीनियर कंसल्टेंट और एचओडी- पल्मोनोलॉजी, मारेंगो एशिया हॉस्पिटल, फ़रीदाबाद कहते हैं। डॉ. नायर कहते हैं, "ईजी.5 के उच्च प्रसार, विकास लाभ और प्रतिरक्षा से बचने के लक्षणों के बावजूद, रोग की गंभीरता में अभी तक कोई बदलाव नहीं देखा गया है।" ईजी.5 को अनौपचारिक रूप से एरिस के नाम से भी जाना जाता है, जिसका उपनाम संघर्ष और कलह की ग्रीक देवी के नाम पर रखा गया है।
20 फीसदी से ज्यादा तेजी से फैलता है ये वेरिएंट
EG.5 वेरिएंट अन्य के मुकाबले 20.5% फीसदी तेजी से बढ़ता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वैश्विक चिंता का संकेत देते हुए इसे मॉनिटर किए जाने वाले कोरोना वेरिएंट की सूची में जोड़ दिया है।
इनके लक्षण
बीए 2.86 में कुछ नए अतिरिक्त लक्षण हैं जो इस प्रकार के संक्रमण से जुड़े हुए प्रतीत होते हैं। लोगों को चकत्ते हो रहे हैं, कुछ की आंखें लाल हो रही हैं, दस्त के कुछ मामले हैं। बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, थकान, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, स्वाद और गंध की हानि और गले में खराश ऐसे लक्षण हैं जो ईडी.5 संक्रमण के साथ बताए जा रहे हैं।
नए वेरिएंट से लड़ने के लिए नए टीके
वो आगे कहती हैं, "बीए 2.86 में 36 नए उत्परिवर्तन हैं जो इसे हमारे पास पहले से मौजूद एंटीबॉडी को मात दे सकते हैं। अमेरिका और जर्मनी में इन नए वैरिएंट से लड़ने के लिए फ़ाइज़र और मॉडर्न को अपग्रेड किया जा रहा है। इसका मतलब यह नहीं है कि जो शॉट हमने पहले लिए थे वे प्रभावी नहीं हैं, लेकिन वे कम प्रभावी हो सकते हैं। जैसे-जैसे वायरस विकसित होगा, हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती जाएगी। यदि टीका नहीं लगाया गया है, तो हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप इसे लगवाएं, खासकर यदि इसे एक वर्ष से अधिक हो गया हो।
BA.2.86 की प्रकृति हो सकती है चिंताजनक
यूनाइटेड किंगडम में तेजी से बढ़ रहे एरिस के बाद, नया कोविड-19 वैरिएंट BA.2.86 भी दुनियाभर में फैल गया है। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, यह SARS-CoV-2 के ओमिक्रॉन का ही नया उप-वैरिएंट है, इसकी पहचान सबसे पहले 2022 में डेनमार्क में हुई थी। वैज्ञानिकों ने पाया कि इस वैरिएंट की एंटीजेनिक और स्पाइक संरचनाओं में बड़े पैमाने पर बदलाव नजर आ रहा है जो ACE2 रिसेप्टर्स के प्रति आकर्षण बढ़ा सकता है और सबसे गंभीर बात शरीर में वैक्सीनेशन और संक्रमण से बनी प्रतिरक्षा को आसानी से चकमा दे सकता है।
भारत को भी हो सकता है खतरा
भारत में एरिस सबवेरिएंट का पहला मामला मई 2023 में पाया गया था। हालांकि पिछले 3 महीने में इसके संक्रमितों की संख्या में चिंताजनक इजाफा नहीं हुआ है। लेकिन स्वाथ्य मंत्रालय इस पर नजर रख रहा है। जानकारों की मानें तो यह वेरिएंट इतना खतरनाक है कि आगे मुश्किलें बढ़ा सकता है। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 51 नए मामले सामने आए हैं और उपचाराधीन मरीजों की कुल संख्या अब 1,468 है